दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे बाजार के बारे में बताने जा रहे है जहाँ जाने के बाद आपको कहीं और जाने की मन ही नहीं करेगा| हम बात कर रहे है दिल्ली के चांदनी चौक बाजार की| ये एक ऐसा बाजार है, जहाँ आपको आपकी रोजमर्रा की ज़रूरतों के सामान बहुत ही कम दाम में मिलेगा|
अगर आप घूमते घूमते थक जाते है और आपको जोरो की भुख लगती है तो चिंता न करे वहाँ आपको खाने के लिए भी अलग – अलग चीजे मिलेगी| इतनी की आप सोच में पड़ जायेगे की क्या खाये और क्या न खाये| दोस्तों इस बाजार में घूमने के लिए आपके पास एक पुरे दिन का समय हो तो काफी अच्छा होगा| तभी आप यहाँ घूमने का आनंद उठा पाएंगे| तो चलिए आपको बताते है कि, यहाँ क्या क्या है खास ताकि आप वहाँ जाने से पहले अपने सारे काम खत्म कर के जाये और अच्छे से घूम पाए.
इतिहास
चांदनी चौक का अर्थ मूनलाइट स्क्वायर है, जिसे लाल किले और फतेह पुरी मस्जिद के बीच मुगल सम्राट शाहजहाँ की बेटी जहाँआरा बेगम के बनाये गए डिज़ाइन द्वारा बनवाया गया था। यह भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक बना हुआ है| इतिहास कहता है कि सम्राट ने अपनी बेटी की खरीदारी की होड़ को पूरा करने के लिए पुरानी दिल्ली के इस बाजार को बनवाया था|
कपड़ो का थोक बाजार
यहाँ आपको कपडे बहुत ही सस्ते दाम में मिलेंगे| महिलाओ के लिए लेडीज सूट, दुपटे, सूट का कपडा, बने बनाये सूट बहुत भी किफायती रेट में बेचे जाते है| जिन्हे आप बिना किसी मोलभाव किये बिना खुश होकर खरीद लेंगे| यहाँ से आप कपडे का बिज़नेस करने के लिए भी खरीद सकते हैं कक्योंकि यह एक थोक बाजार है| ज़्यादातर व्यापारी यहाँ से सामान लेकर जाते है |
सूट की सिलाई में काम आने वाली चमकदार लेस,झालर ,सूट के लिए रेडीमेड गले कम दाम के साथ साथ बेहद खूबसूरत मिलेंगे| हर तरिके के फैंसी सैंडल, शूज, स्लिपर, जुतिया भी खरीदने के लिए मिलेगी| साथ ही लड़कियों के कान के झुमके ,गहनों का सेट और मेकअप की ब्रांडेड दुकाने भी है |
खाने के लिए हल्दीराम की जलेबिया मिलेगी जो शुद्ध देसी घी में बनाई जाती है| खेमचंद आदेश कुमार की दौलत की चाट ,करीम के कबाब, नटराज स्वीट्स के दही भल्ले और पराठे वाली गली के पराठो के क्या कहने| आप जब भी जाये तो ज़रूर खाये|