कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके चंगुल में हम उलझते चले जाते है और हमे इसकी जानकारी तक नहीं होती है, क्योंकि कैंसर के प्रकार और लक्षणों के बारे में हमे देर से मालूम होता है| अगर इसका इलाज सही समय पर नहीं हो तो यह बहुत घातक साबित होती है|
जैसा की हम जानते हैं कि मानव शरीर छोटे-छोटे टीशू से मिलकर बने होते है जिसे आम भाषा में कोशाणु कहते हैं| यह टीशू मानव शरीर के अलग अलग हिस्सों में उपस्थित रहते हैं| अगर इनकी क्रिया अच्छे से ना हो तो ये बहुत तेजी से बढ़ने लगते है और गांठ बना लेते है जिसे ट्यूमर कहते है | लेकिन हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है|
डॉक्टरों के द्वारा इस ट्यूमर की जाँच की जाती है जिसे हम ‘बीओप्सी’ (biopsy) कहते हैं| ‘बीओप्सी’ से ये पता लगाया जाता है कि ट्यूमर कैंसर का रूप धारण कर चुका है या नहीं अगर कैंसर बन जाता है तो इसे मैलिग्नेंट ट्यूमर'(Malignant tumor) कहा जाता है और यह धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों में फैलने लगता है जिसे हम ‘मेटास्टैटिक’ (metastatic) कहते हैं| अगर यह कैंसर का रूप नहीं होता है तो इसे ‘बिनाइन ट्यूमर’ (benign tumor) कहा जाता है और यह शरीर के बाकी हिस्सों में नहीं फैलता है|
कैंसर के प्रकार
अलग अलग कैंसर के प्रकार तरह के कैंसर होते हैं जैसे स्तन कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, एसोफैगल कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर,सर्वाइकल कैंसर, वैजाइनल कैंसर, ब्लैडर कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, बोन कैंसर ब्लड कैंसर इत्यादि|
ये हैं कैंसर के प्रकार
कैंसर के लक्षण
- खून की कमी जिससे एनीमिया हो जाता है, तेज बुखार आना और बुखार का ठीक न होना, कमज़ोरी और थकान महसूस करना।
- पेशाब और शौच के समय खून आना |
- लंबे समय तक कफ आना, कफ के साथ म्यूकस आना, खांसी के दौरान खून आना।
- मासिक धर्म के समय अधिक स्राव होना।
- स्तन में गांठ होना|
- शरीर के किसी भाग में सूजन या गांठ होना|
- निगलने में दिक्कत होना इत्यादि|
- योनि से अनियमित खून का प्रवाह
स्तन कैंसर
महिलाओं में होने वाली एक भयानक बीमारी है कैंसर , जिसकी संभावना किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन इसका ज्यादा भय ४० साल से ज्यादा उम्र के महिलाओं में होता है|
आमतौर पर यह बीमारी महिलाओं को होता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि ये पुरुषों को नहीं हो सकता है| यह बीमारी स्तन के किसी भी हिस्से में हो सकता है| यह निप्पल में दूध ले जाने वाली नलियों, दूध उत्पन्न करने वाले छोटे कोशों और ग्रंथिहीन टिश्युओं में भी हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं के मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है| अगर आप सही समय रहते इसका उपचार कराते है तो आप बच सकते है|
स्तन कैंसर के लक्षण
- स्तन के पास मोटा होना – गांठ दर्दनाक नहीं होता है
- अंडरआर्म क्षेत्र में एक गांठ होना
- आकार में परिवर्तन होना
- स्तन की त्वचा में डिंपल
- निप्पल में खिंचाव
- निप्पल क्षेत्र के पास लाल त्वचा इत्यादि|
स्तन कैंसर के प्रकार
इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा
इन्फ्लेमेटरी कार्सिनोम
पेजेट्स डिज़ीज़
स्तन कैंसर से बचाव
- धूम्रपान न करें।
- शरीर का संतुलित वजन।
- नियमित व्यायाम।
- अल्कोहल का सीमित उपयोग ।
ब्रेन ट्यूमर
यह कैंसर दिमाग में असामान्य कोशिकाओं का बिना कैंसर के रूप में या कैंसर के रूप में जमा हो जाना या विकसित होने को कहा जाता है| ये मस्तिष्क में फैलकर शरीर के किसी अन्य हिस्से में दिमाग के कैंसर के रूप में फ़ैल सकता है| इंटराक्रेनियनल प्रेशर के लगातार बढ़ने से मस्तिष्क में सूजन आती है या एक गांठ बन जाती है|
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
- तेजी से बढ़ते सिर दर्द
- कम दिखाई देना
- संतुलन खोना
- भ्रम होना
- दौरे पड़ना आदि
ब्रेन ट्यूमर से बचाव
- सर्जरी
- कीमोथेरेपी
एसोफैगल कैंसर
यह कैंसर गले से आपके पेट तक भोजन और पानी ले जाने वाली नली में होता हैं। एसोफेगल कैंसर का सही समय पैट पता न लगे तो यह लगातार बढ़ते हैं और शरीर के लगभग सभी अंगों तक फैल जाता है।
एसोफैगल कैंसर के लक्षण
- निगलने में कठिनाई या दर्द होना|
- सीने में या कंधों की पसलियों के बीच दर्द ।
- हृदय में अक्सर जलन होना और खट्टी डकारें आना ।
- वजन कम हो जाना ।
- लम्बे समय तक खांसी बनी रहना ।
- नियमित उल्टियां।
एसोफैगल कैंसर से बचाव
- तम्बाकू प्रयोग ना करें।
- पाचन मार्ग को क्षतिग्रस्त करने वाली कोई चीज न खाएं।
- ड्रिंक कम करें।
- यदि आपके हृदय में जलन होती है तो अपने डॉक्टर की राय लेनी चाहिए | इत्यादि |
पैंक्रियाटिक कैंसर
क्रियाज कैंसर की पहचान करना बहु आसान नहीं होता है। इसी कारण जानलेवा होता है। यह कैंसर अंदर ही अंदर बढ़ता ही चला जाता है| जबतक इसका कुछ आभास होता है तबतक यह खतरनाक रूप धारण कर चुका होता है| पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है| आइये जानते है कि इस कैंसर का पता लगाना आसान नहीं होता है|
- दरअसल यह शरीर के बहुत अंदर होता है जिसका पता लगाना आसान नई होता है|
- इससे पेट का दर्द होता है जिसे लोग साधारण दर्द मानकर सही तरीके से इलाज नहीं करा पते है|
- पेट में एसिडिटी, कब्ज, दर्द, अपच आदि की समस्या साधारण होती है इसलिए लोग इसे आसानी से नहीं समझते है|
- इसके कुछ लक्षण और भी साधारण रोगों से मिलता-जुलता है|
पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
- पेट के ऊपरी भाग में दर्द।
- आंख, स्किन और यूरिन का कलर पीला होना।
- उल्टियां होना, भूख न लगना, जी मिचलाना।
- वजन का घटना और कमजोरी महसूस होना |
पैंक्रियाटिक कैंसर से बचाव
सर्जरी:
सर्जरी एक ऐसा तरीका है जो पैंक्रियाटिक को पुरी तरह से खत्म कर सकता है| लेकिन सर्जरी से सिर्फ १५-२० फीसदी लोग ही इस रोग से बच सकते हैं |
कीमोथेरेपी:
कीमोथेरपी में वो दवायें प्रयोग में लायी जाती है जो कैंसर के गुणों को नष्ट करती हैं|
रेडिओथेरपी:
इसमें विकिरण की उच्च ऊर्जा वाली रौशनी का उपयोग किया जाता है जो ट्यूमर को कम करती है और दर्द को मारती है|
सर्वाइकल कैंसर
यह कैंसर यूटरस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है. सर्विक्स की लाइनिंग में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं- स्क्वैमस कोशिकाएं और स्तंभ कोशिकाएं. गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में जहां एक सेल दूसरे प्रकार की सेल में परिवर्तित होती है जिसे स्क्वेमो-कॉलमर जंक्शन कहा जाता है जहां कैंसर के विकास की संभावना बहुत अधिक होती है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
- योनि से मूत्र या मल का रिसाव
- योनि से भारी रक्त-स्राव
- एक पैर में सूजन
- श्रोणि में दर्द
- भूख में कमी इत्यादि |
ये है कुछ खतरनाक कैंसर के प्रकार और लक्षण
अब तो आम जिंदगी में कैंसर का कुछ ज्यादा ही दायरा बढ़ गया है|