पंडित रविशंकर एक सितारवादक और संगीतज्ञ थे। मशहूर सितारवादक पंडित रविशंकर का जन्म 7 अप्रैल 1920 को वाराणसी में हुआ। इन्होनें अपने बचपन को बड़े ही राजकीय अंदाज़ मे जिया। उन्होंने विश्व के कई महत्वपूर्ण संगीत उत्सवों मे हिस्सा लिया। उनका युवा वर्ष यूरोप और भारत मे अपने भाई उदय शंकर के नृत्य समूह के साथ दौरा करते हुए बीता।
पंडित रविशंकर एक सितारवादक थे, और वो जब सितार बजाते थे तो ऐसा लगता था जैसे सितार और पंडित रवि शंकर एक दूजे के लिए ही बने है। सबसे पहले नृत्य में रुचि रखने वाले को कब संगीत से प्यार हो गया उन्हें भी पता नही चला। संगीत की तरफ वो इतने ज्यादा आकर्षित हुए कि उन्होंने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया।
ये एक ऐसे संगीतवादक थे जिन्होनें न केवल भारत के लिए बल्कि कनाडा, यूरोप, अमेरिका तथा कई देशों की फिल्मों में संगीत दिया। इनकी वजह से आज भी लोग सितार सुनना पसंद करते है। एक समय में तो ऐसा भी होता था जब रेडियो पे दिन मे दो बार इनके बनाये हुए रागों को बजाया जाता था। संगीत को एक नया आयाम देने वाले पंडित रवि शंकर मेघ शेष पुरस्कार, पद्मभूषण, पद्मविभूषण, भारत रत्न से विभूषित किए गए। साल 1949 से दुनिया में संगीत में कदम रखने वाले पंडित रवि शंकर साल 2000 तक प्रस्तुति दी। केवल वही नही उनकी बेटी अनुष्का शंकर भी उनके साथ प्रस्तुति देने में कभी पीछे नहीं रही। एक समय था, जब सितार बाजाने वालो मे सबसे पहला नाम किसी का लिया जाता था तो वो थे पंडित रविशंकर जिन्होनें पश्चिम में अपनी छाप छुड़ी।